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देश और देशभक्ति के बीच

सामने हुए विभत्स कत्ल को देखकर नहीं कर सका कोई प्रतिरोध चीखना चाहता था लेकिन आवाज अटक गई गले में कहीं क्योंकि देश के नाम पर की गई थी वो हत्याएं और देशद्रोह सोचकर ही कांप गई रूह मेरी देश और देश भक्ति पढने में भले हों महज दो शब्द पर ये विचारों कर देते हैं  ब्लैक एंड ह्वाइट देश क्या है देश में क्या क्या आता है नहीं समझ पाया आज तक लेकिन  डर लगता है  देशद्रोही होने से जैसे बचपन में लगता था  अब भी लगता है घर के पास वाले तलाब से उससे निकलने वाले भूतों से बचपन में ही रोप दिया गया था देशद्रोह के भय का बीज जो बन गया है अब बड़ा पेड़  इसकी छाया  छीन लेती है गलत के खिलाफ  खड़े होने की शक्ति  देश भक्ति और देश द्रोह हत्यारों के लिए ऐसे ही है जैसे गुड़ के रस में घोड़े को रम पिलाना  देशभक्ति और देशद्रोह के बीच खिंची है ऐसी अदृश्य रेखा जो सोख लेती है मानवता के सारे रंग, सारे रस सिर्फ छोड़ती है बंजर और शुष्क जमीन